Baarish Ki Jaaye Lyrics

Baarish Ki Jaaye Lyrics : 

 ये सूरज से भी कह दो कि अपनी आग बुझा के करे

ये सूरज से भी कह दो कि अपनी आग बुझा के करे

अगर उस से बातें करनी हैं तो फिर नज़र झुका के करे

तो फिर नज़र झुका के करे

तारे उस के हाथ में होने ही चाहिए

जुगनू उस के साथ में सोने ही चाहिए

ओ, ख़ुशबुओं से उस की सिफ़ारिश की जाए

ओ, ख़ुशबुओं से उस की सिफ़ारिश की जाए

(सिफ़ारिश की जाए)

ऐ ख़ुदा, तू बोल दे तेरे बादलों को

ऐ ख़ुदा, तू बोल दे तेरे बादलों को

मेरा यार हँस रहा है, बारिश की जाए

यार हँस रहा है, बारिश की जाए

ये सूरज से भी कह दो कि अपनी आग बुझा के करे

अगर उस से बातें हैं करनी तो नज़रें झुका के करे

हो, ये सूरज से भी कह दो, अपनी आग बुझा के करे

‘गर उस से बातें करनी हैं तो नज़रें झुका के करे

मोहब्बत, Jaani की पूरी ख़ाहिश की जाए

मोहब्बत, Jaani की पूरी ख़ाहिश की जाए

(ख़ाहिश की जाए)

ऐ ख़ुदा, तू बोल दे तेरे बादलों को

ऐ ख़ुदा, तू बोल दे तेरे बादलों को

मेरा यार हँस रहा है, बारिश की जाए

यार हँस रहा है, बारिश की जाए

हाय, आशिक़ हो जाने में कितना वक्त लगता है

रब के घर में आने में कितना वक्त लगता है

देखा उसे तो ये मालूम हुआ

कि जन्नत को पाने में कितना वक्त लगता है

ये ज़माना जाने ना, क्या करा सकती है

ओ, यार मेरे की नज़रें हैं, दरिया डुबा सकती हैं

उस का बस चले तो सारा दरिया पी जाए

उस का बस चले तो सारा दरिया पी जाए

ऐ ख़ुदा, ऐ ख़ुदा…

ऐ ख़ुदा, तू बोल दे तेरे बादलों को

मेरा यार हँस रहा है, बारिश की जाए

यार हँस रहा है, बारिश की जाए

ऐ ख़ुदा, तू बोल दे तेरे बादलों को

मेरा यार हँस रहा है, बारिश की जाए

यार हँस रहा है, बारिश की जाए

(बारिश की जाए)

ना दुनिया के लिए लिखते, ना मेरे लिए लिखते

ना दुनिया के लिए लिखते, ना मेरे लिए लिखते

Haha! Ghalib ज़िंदा होते तो तेरे लिए लिखते

Ghalib ज़िंदा होते तो तेरे लिए लिखते

(तेरे लिए लिखते, तेरे लिए लिखते)
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